Monday, January 2, 2017

सुप्रीम कोर्ट ने जात पात के आधार पर वोट मांगने पर मिलेगी सजा।



सुप्रीम कोर्ट ने हिंदुत्व के मुद्दे पर दायर कई याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए कहा है कि धर्म,जाति और संप्रदाय के नाम पर नेता वोट नहीं मांग सकते।
यह गैर-कानूनी है।
चुनाव एक सेक्युलर प्रोसेस है और इसका पालन किया जाना चाहिए।
कोर्ट ने यह भी कहा कि इंसान और भगवान के बीच रिश्ता अपनी व्यक्तिगत पसंद पर निर्भर है।
सरकार को इससे खुद को अलग रखना चाहिए।
- हिंदुत्व के मसले पर दायर याचिका पर चीफ जस्टिस टीएस ठाकुर की अगुआई में जस्टिस एमबी लोकुर, जस्टिस एनएल राव, जस्टिस एसए बोबड़े, जस्टिस यूयू ललित, जस्टिस एके गोयल और जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की बेंच सुनवाई कर रही थी।

- याचिका में सवाल उठाया गया था कि धर्म और जाति के नाम पर वोट मांगना Representation of the People Act के तहत Corrupt प्रैक्टिस है या नहीं।

- इस एक्ट के सेक्शन 123 (3) के तहत इस मामले में सुप्रीम कोर्ट को व्‍याख्‍या करनी थी कि कैंडिडेट के और उसके एजेंट के धर्म का दायरा क्या है?




Thanks for reading our blog "Bihari Trend"If u like this post please like and comment for any suggestions or feedback.Don't forget to subsdcribe our blog for another updates...'Bihari Trend" ������

No comments:

Post a Comment